महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नथूराम गोडसे देश के संभवतः सबसे विवादास्पद चरित्र है। देश भी उनके इस आचरण को लेकर दो खेमों में विभाजित है।
कुछ लोग उन्हें देशद्रोही मानते हैं, तो कुछ लोग उन्हें देश का सच्चा सिपाही मानते हुए उसके मंदिर तक बनवाने की पैरवी करते हैं।
ऐसे में आम आदमी के मन में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि नथूराम गोडसे वास्तव में क्या थे? क्या नथूराम गोडसे आतंकवादी थे? क्या नथूराम गोडसे देशद्रोही थे? क्या नथूराम गोडसे पेशेवर हत्यारा थे? अगर नहीं, तो उन्होने गांधी की हत्या क्यों की? वह भारत-विभाजन के लिए गांधी को जिम्मेदार क्यों मानता थे? और क्या सचमुच गांधी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए यह गुनाह कर देश की जनता को धोखा दिया था?
नथूराम गोडसे का पक्ष जानने के लिए उनके भाई और गांधी के हत्या के ‘षड्यंत्र’ में शामिल होने के अपराध में आजीवन कारावास भुगतकर 13 अक्तूबर 1964 को मुक्त हुए गोपाल गोडसे द्वारा प्रस्तुत एक ऐतिहासिक दस्तावेज।